Paheliyan in Hindi | Funny Paheliyan With Answer

Paheliyan in Hindi | Funny Paheliyan With Answer
वो कौन सी चीज़ है
जिसे खाने के लिए खरीदते हैं
लेकिन उसे खाते नहीं
लगाओ दिमाग ??? फेल हो गए क्या
उत्तर – प्लेट
खुली रात में पैदा होती
हरी घास पर सोती हूँ
मोती जैसी मूरत मेरी
बादल की मैं पोती हूँ
बताओ क्या ?
उत्तर – ओस की बूंद
खुशबू है पर फूल नहीं
जलती है पर ईर्ष्या नहीं
बताओ क्या ?
उत्तर – अगरबत्ती
प्यास लगे तो पी लेना
भूख लगे तो खा लेना
ठण्ड लगे तो जला लेना
बोलो क्या ?
उत्तर – नारियल
हरे रंग की टोपी मेरी हरे रंग का है दुशाला
जब पक जाती हूँ मैं तो
हरे रंग की टोपी लाल रंग का होता दुशाला
मेरे पेट में रहती मोती की माला
नाम जरा मेरा बताओ लाला ?
उत्तर– हरी मिर्च
रंग है मेरा काला
उजाले में दिखाई देती हूँ
अँधेरे में छिप जाती हूँ
उत्तर– परछांई
ना मुझे इंजन की जरूरत
ना मुझे पेट्रोल की जरुरत
जल्दी जल्दी पैर चलाओ
मंजिल अपनी पहुँच जाओ
उत्तर– साईकिल
रोज सुबह को आता हूँ
रोज शाम को जाता हूँ
मेरे आने से होता उजियारा
जाने से होता अँधियारा
उत्तर– सूरज
गोल गोल आखों वाला
लंबे लंबे कानों वाला
गाजर खूब खाने वाला
इसका नाम बताओ लाला ?
उत्तर– खरगोश
मान लीजिये आप बस में 10 सवारियों के साथ सफर कर रहे हैं।
पहले स्टैंड पे 2 उतरी और 4 सवारियां चढ़ी
दूसरे स्टैंड पे 5 उतरी और 2 सवारियां चढ़ी
अगले स्टैंड पे 2 उतरी और 3 सवारियां चढ़ी
अब यह बताओ कि बस में कितनी सवारियां सफर कर रही हैं?
उत्तर– 11 (10 सवारी और 1 आप)
बिन बताये रात को आते हैं
बिन चोरी किये गायब हो जाते हैं
बताओ तो क्या हैं ?
उत्तर– तारे
मुर्गी अंडा देती है और गाय दूध देती है।
पर ऐसा कौन है जो अंडा और दूध दोनों ही देता है?
उत्तर– दुकानदार
मैं हरी मेरे बच्चे काले
मुझे छोड़ मेरे बच्चे खाले
उत्तर– इलाइची
गोल गोल घूमता जाऊं
ठंडक देना मेरा काम
गर्मी में आता हूँ काम
उत्तर– पंखा
पैसा खूब लुटाती हूँ
घर घर पूजी जाती हूँ
मेरे बिना बने ना काम
बच्चों बताओ इस देवी का नाम ?
उत्तर– माँ लक्ष्मी
बूझो भैया एक पहेली जब भी काटो तो निकले नई नवेली
उत्तर– पेन्सिल
काली काली माँ लाल लाल बच्चे
जिधर जाए माँ, उधर जाए बच्चे
उत्तर– रेलगाड़ी
मैं मरुँ
मैं कटूं
तुम क्यों रोये
उत्तर– प्याज
अगर नाक पे मैं चढ़ जाऊं
तो कान पकड़ कर खूब पढ़ाऊँ
उत्तर– चश्मा
Paheli Question And Answer in Hindi

Paheli Question And Answer in Hindi
सारे जगत की करूँ मैं सैर
धरती पे रखता नहीं पैर
रात अँधेरी मेरे बगैर
बताओ क्या है मेरा नाम ?
उत्तर– चंद्रमा
घुसा आँख में मेरे धागा
दर्जी के घर से मैं भागा
उत्तर– बटन
तीन पैरों वाली तितली
नहा धो के कढ़ाई से निकली
उत्तर– समोसा
पीली पोखर
पीले अंडे
जल्द बता नहीं मारूँ डंडे
उत्तर– बेसन की कढ़ी
सुबह सुबह ही आता हूँ
दुनिया की ख़बरें लाता हूँ
सबको रहता मेरा इंतजार
हर कोई करता मुझसे प्यार
उत्तर– अख़बार
पैर नहीं फिर भी चलती है
बताओ क्या ?
उत्तर– घडी
ना कभी किसी से किया झगड़ा
ना कभी करी लड़ाई
फिर भी होती रोज पिटाई
उत्तर– ढोलक
दिन में सोये
रात में रोये जितना रोये उतना खोये
उत्तर– मोमबत्ती
कद के छोटे
कर्म के हीन
बीन बजाने के शोकीन
बताओ कौन?
उत्तर– मच्छर
तीन अक्षर का मेरा नाम
पहला कटे तो राम राम
दूजा कटे तो फल का नाम
तीजा कटे तो काटने का काम
उत्तर– आराम
पढ़ने में लिखने में
दोनों में ही मैं आता काम
पेन नहीं कागज नहीं
बताओ क्या है मेरा नाम?
उत्तर– चशमा
अंत कटे तो मानव हो जाऊ
शुरू कटे तो नम हो जाऊ
बीच कटे तो जम हो जाऊ
बोलो मैं क्या कहलाऊँ?
उत्तर– जनम
एक परिंदा ऐसा देखा
तालाब किनारे रहता
मुँह से अग्नि उगलता और
पूछ से द्रव को पीता..?
उत्तर– दीपक
तीन अक्षर का मेरा नाम
प्रथम कटे तो शास्त्र बन जाऊ
अंत कटे तो ज्वाला
मध्य कटे तो बनु में आन
बोलो क्या है मेरा नाम?
उत्तर– आँगन
तीन अक्षर का है उसका नाम
आता है जो खाने के काम
अंत कटे तो हल बन जाये
मध्य कटे तो हवा बन जाए…..
उत्तर– हलवा
तुम न बुलाओ मैं आ जाऊँगी,
न भाड़ा न किराया दूँगी,
घर के हर कमरे में रहूँगी,
पकड़ न मुझको तुम पाओगे,
मेरे बिन तुम न रह पाओगे,
बताओ मैं कौन हूँ?
उत्तर– हवा
गर्मी में तुम मुझको खाते,
मुझको पीना हरदम चाहते,
मुझसे प्यार बहुत करते हो,
पर भाप बनूँ तो डरते भी हो।
उत्तर– पानी
मुझमें भार सदा ही रहता,
जगह घेरना मुझको आता,
हर वस्तु से गहरा रिश्ता,
हर जगह मैं पाया जाता…..
उत्तर– गैस
लोहा खींचू ऐसी ताकत है,
पर रबड़ मुझे हराता है,
खोई सूई मैं पा लेता हूँ,
मेरा खेल निराला है।
उत्तर– चुम्बक